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"हिन्दू हूँ थेाड़ा ख़ुद को मुसलमान कर रहा / डी. एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर
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+ | दुनिया हमारी दोस्ती को याद रखेगी | ||
+ | ‘डी एम मिसिर ‘को दोस्तो ‘ मन्नान ‘ कर रहा | ||
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+ | पुरखों ने उठायी थी जो दीवार तोड़ दी | ||
+ | लेकिन मैं उनके नाम का सम्मान कर रहा | ||
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+ | जंगल चला हूँ काटने तो सोचकर यही | ||
+ | लेागों के लिए रास्ता आसान कर रहा | ||
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+ | क्यों झूठ में भगवान को बदनाम कर रहे | ||
+ | जेा कुछ भी कर रहा है वो इन्सान कर रहा | ||
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+ | दौलत जुटा के हो गया अमीर वो ज़रूर | ||
+ | दौलत लुटा के ख़ुद को मैं धनवान कर रहा | ||
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+ | थेाड़ी सी फ़िक़्र ही तो ज़माने के लिए है | ||
+ | इंसानियत पे क्या कोई एहसान कर रहा | ||
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+ | बदला है ज़माना अभी बदलेगा और भी | ||
+ | कल के लिए जारी नया फ़रमान कर रहा | ||
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00:30, 30 दिसम्बर 2018 के समय का अवतरण
हिन्दू हूँ थेाड़ा ख़ुद को मुसलमान कर रहा
हिन्दोस्ताँ की शान में ऐलान कर रहा
दुनिया हमारी दोस्ती को याद रखेगी
‘डी एम मिसिर ‘को दोस्तो ‘ मन्नान ‘ कर रहा
पुरखों ने उठायी थी जो दीवार तोड़ दी
लेकिन मैं उनके नाम का सम्मान कर रहा
जंगल चला हूँ काटने तो सोचकर यही
लेागों के लिए रास्ता आसान कर रहा
क्यों झूठ में भगवान को बदनाम कर रहे
जेा कुछ भी कर रहा है वो इन्सान कर रहा
दौलत जुटा के हो गया अमीर वो ज़रूर
दौलत लुटा के ख़ुद को मैं धनवान कर रहा
थेाड़ी सी फ़िक़्र ही तो ज़माने के लिए है
इंसानियत पे क्या कोई एहसान कर रहा
बदला है ज़माना अभी बदलेगा और भी
कल के लिए जारी नया फ़रमान कर रहा