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"अमीरी है तो फिर क्या है हर इक मौसम सुहाना है / डी. एम मिश्र" के अवतरणों में अंतर

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उसे जो मिल गया था बाप-दादा से विरासत में
 
उसे जो मिल गया था बाप-दादा से विरासत में
अभी तक वो बिछौना है , वही कंबल पुराना है।
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अभी तक वो बिछौना है, वही कंबल पुराना है।
 
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किसी फ़़ुटपाथ पर जीना , किसी फ़ुटपाथ पर मरना
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किसी फ़़ुटपाथ पर जीना, किसी फ़ुटपाथ पर मरना
कहाँ जाये न इसके घर ,न कोई आशियाना है।
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तुम्हारा शहर है फिर भी वही चेहरा है उतरा-सा
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हुकूमत भी तुम्हारी है ,तुम्हारा ही ज़माना है ।
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तुम्हारा शहर है फिर भी वही चेहरा है उतरा-सा
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मेरे शेरों का क्या मेयार है वो क्या समझ पाये
 
मेरे शेरों का क्या मेयार है वो क्या समझ पाये
 
वो ज़ालिम है मगर उसको भी आईना दिखाना है।
 
वो ज़ालिम है मगर उसको भी आईना दिखाना है।
  
 
लुटेरे हम फ़कीरों से भला क्या ले के जायेंगे
 
लुटेरे हम फ़कीरों से भला क्या ले के जायेंगे
कि दिल भी जोगिया है और मन भी सूफ़ियाना है
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कि दिल भी जोगिया है और मन भी सूफ़ियाना है।
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बता दो ज्योतिषी को क्या मेरी क़िस्मत वो बाँचेगा
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दुखों से है मेरी यारी, ग़मों से दोस्ताना है।
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तेरे जुल्मो सितम से अब तनिक भी डर नहीं लगता
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तेरे खंज़र से मेरे खू़न का रिश्ता पुराना है।
  
न कुंडी है,न ताला है,न पहरा है , न पाबंदी
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न कुंडी है, न ताला है, न पहरा है, न पाबंदी
यहॉ पर सब बराबर हैं ये उसका शामियाना है ।
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यहाँ पर सब बराबर हैं, ये उसका शामियाना है।
 
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14:13, 14 जनवरी 2019 का अवतरण

अमीरी है तो फिर क्या है हर इक मौसम सुहाना है
ग़रीबों के लिए सोचो कि उनका क्या ठिकाना है।

उसे जो मिल गया था बाप-दादा से विरासत में
अभी तक वो बिछौना है, वही कंबल पुराना है।
 
किसी फ़़ुटपाथ पर जीना, किसी फ़ुटपाथ पर मरना
कहाँ जाये न इसके घर, न कोई आशियाना है।

तुम्हारा शहर है फिर भी वही चेहरा है उतरा-सा
हुकूमत भी तुम्हारी है, तुम्हारा ही ज़माना है।
 
मेरे शेरों का क्या मेयार है वो क्या समझ पाये
वो ज़ालिम है मगर उसको भी आईना दिखाना है।

लुटेरे हम फ़कीरों से भला क्या ले के जायेंगे
कि दिल भी जोगिया है और मन भी सूफ़ियाना है।

बता दो ज्योतिषी को क्या मेरी क़िस्मत वो बाँचेगा
दुखों से है मेरी यारी, ग़मों से दोस्ताना है।

तेरे जुल्मो सितम से अब तनिक भी डर नहीं लगता
तेरे खंज़र से मेरे खू़न का रिश्ता पुराना है।

न कुंडी है, न ताला है, न पहरा है, न पाबंदी
यहाँ पर सब बराबर हैं, ये उसका शामियाना है।