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"मुस्कान और मुस्कान / अनुक्रमणिका / नहा कर नही लौटा है बुद्ध" के अवतरणों में अंतर
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+ | बात करने वाली परिचारिकाओं की उँगलियाँ शून्य में | ||
+ | बातचीत की आकृतियाँ बनाती हैं | ||
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11:33, 22 जनवरी 2019 के समय का अवतरण
ये रात दिन उड़ने वाली लड़कियाँ
महँगी मुस्कान ओढ़ती हैं
मुस्कान मुझे महँगी पड़ती है
मैं पैसे देकर खरीदता हूँ
उफ़! लड़कियों को कितनी महँगी पड़ती है मुस्कान
जो पैसों के लिए इसे ओढ़ती हैं
इस वक़्त प्रतीक्षाकक्ष में बैठी हैं
दो आपस में बात करती हैं
तीसरी चिन्तामग्न है
बात करने वाली परिचारिकाओं की उँगलियाँ शून्य में
बातचीत की आकृतियाँ बनाती हैं
चिन्तामग्न लड़की की उँगलियाँ चिन्ताओं को थामे हुए हैं
साढ़े नौ बजने को है
चिन्ताएँ उठ कर चल पड़ी हैं
उँगलियों ने चिन्ताओं के बजाय और उँगलियों को थाम लिया है
मुस्कान और मुस्कान साथ चल पड़ी हैं।