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"वह आदमी / अनुक्रमणिका / नहा कर नही लौटा है बुद्ध" के अवतरणों में अंतर

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11:34, 22 जनवरी 2019 के समय का अवतरण

वह आदमी मान रहा है कि उसे पता है
कि उसने यम से बातें की हैं

उसने यम से गुफ़्तगू करते हुए
आधुनिक विज्ञान को परास्त होते हुए देखा है
इस तरह मानते हुए वह कहता है
कि विज्ञान ग़लत मान्यताओं पर टिका है
उसे ज़रा भी शक नहीं है कि
यम से बातचीत का ज़िक्र वह अपनी
असहायता को छिपाने के लिए करता है

उसका पुरुष अहम् उसे हार मानने नहीं देता है
वह विज्ञान के साथ टक्कर लेता है
एक नर्म दीवार उसके लिए कठोर हो गई है
माथा टकरा कर वह जंगली भैंसे सा वापस आता है
बार बार चीख़ता कि आधुनिक विज्ञान के विकल्पों को मानो

आखि़रकार थकता है वह
परास्त भैंसा मैदान छोड़ कर दूसरी ओर मुँह फेरे चल देता है
छलकती आँखों से आँसू बहने को हैं
इसलिए धीरे धीरे दूर चला जाता है
काँपता सिहरता यम से बातचीत की स्मृति को दुबारा जीता है।