भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"देश संकट में है / अनुक्रमणिका / नहा कर नही लौटा है बुद्ध" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=लाल्टू |अनुवादक= |संग्रह=नहा कर नह...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

12:09, 22 जनवरी 2019 के समय का अवतरण

देश के बच्चे शपथ ले रहे हैं
भूतपूर्व राष्ट्रपति
जो किसी भी मुद्दे पर चुप्पी साधे रखना ठीक समझता है
बच्चों को सौगन्ध दिला रहा है कि
वे देश को महान् बनाएँ

कि उनके शपथ लेने से एक देश
दुनिया का सबसे बड़ा देश बन जाएगा

इतिहास की कहानियाँ बन गई हैं
एक सरलमना व्यक्ति की जटिल ज़िदें
जब अदृश्य हैं हमारे लिए
देश के बहुत सारे लोग
हम देखना चाहते हैं एक आदमी को
लिपटना चिपकना चाहते हैं एक आदमी से
गाँधी गाँधी गाँधी।

संकटों से घिरे लोग पुकार रहे हैं एक स्वर में
गाँधी गाँधी गाँधी।