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"बर्फ़ के पहाड़ / ये लहरें घेर लेती हैं / मधु शर्मा" के अवतरणों में अंतर

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01:37, 24 जनवरी 2019 के समय का अवतरण

चटक और उदास
गिरती है धूप बफ़ पर
बर्फ़ पहाड़ों पर
और आसमान गिरता है टुकड़ों में
हरे के अँधेरे पर
जल के गहरे में,
शिखर की चट्टानों
और चट्टानों के पहरे में एकसार...

मैं आती हूँ इनमें धँसकर
मुक्त हुई
हर बार