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|रचनाकार=उमेश बहादुरपुरी
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|संग्रह=संगम / उमेश बहादुरपुरी
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हम करबे करम छठ-बरतिया।।बरतियानागपुर के नींबू हाजीपुर से केला।केलाउठबे पड़े चाहे हमरा लाख रे झमेला।झमेलाचाहे तन हो जाये सूख के हरदिया।। हरदियाहम ....गोवा के नारियल मधेपुरा के गन्ना।गन्नाछठ-माय से बेटा माँगबइ-दुरदिया।। दुरदियाहम ....नीयम-धरम से हम करबइ संझतिया।संझतियाखड़ना उठाके हम बनबइ परबैतिया।परबैतियाबाले-बच्चे देबइ मिल अरगिया।। अरगियाहम ....  
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