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"शे’र / उमेश बहादुरपुरी" के अवतरणों में अंतर

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अप्पन धरती बनाबऽ तों, अप्पन असमान बनाबऽ।
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अप्पन धरती बनाबऽ तों, अप्पन असमान बनाबऽ
अदमी तो सभे हे तों, अलग पहचान बनाबऽ।।
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अदमी तो सभे हे तों, अलग पहचान बनाबऽ
की करबऽ कुक्कुर जइसन, जिनगी जी करके।
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की करबऽ कुक्कुर जइसन, जिनगी जी करके
तों अप्पन धरम आउ, अप्पन ईमान बनाबऽ।।
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तों अप्पन धरम आउ, अप्पन ईमान बनाबऽ
  
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वीर तो ऊहे हे जे नञ् डरऽ हे, आउ नञ् केकरो डराबऽ हे
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सामने में कोय भी आ जाए, ऊ त सब्भे के हराबऽ हे
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हम शोर मचाबेवाला नञ् ही, झकझोर देबेवाला ही
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अंधरिया रात में भी कर हम, इंजोर देबेवाला ही
  
वीर तो ऊहे हे जे न´् डरऽ हे, आउ न´् केकरो डराबऽ हे।
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जीत लेबइ मुश्किल के हम, रुख हवा के मोड़ के
सामने में कोय भी आ जाए, ऊ त सब्भे के हराबऽ हे।।
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ई कब तक तरसइतइ जी, लेबइ तिनका तिनका जोड़ के
हम शोर मचाबेवाला न´् ही, झकझोर देबेवाला ही।
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अंधरिया रात में भी कर हम, इंजोर देबेवाला ही।।
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रात हमरा पसंद हे, तारा जे देखऽ हिऐ
जीत लेबइ मुश्किल के हम, रुख हवा के मोड़ के।
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आँख हमरा पसंद हे, नजरा जे देखऽ हिऐ
ई कब तक तरसइतइ जी, लेबइ तिनका तिनका जोड़ के।।
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हम बिहारी शान ही, ई देश के पहचान ही
 
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कोय मानऽ या न मानऽ, हम कल के हिंदुस्तान ही
 
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रात हमरा पसंद हे, तारा जे देखऽ हिऐ।
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आँख हमरा पसंद हे, नजरा जे देखऽ हिऐ।।
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हम बिहारी शान ही, ई देश के पहचान ही।
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कोय मानऽ या न मानऽ, हम कल के हिंदुस्तान ही।
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11:26, 14 मार्च 2019 के समय का अवतरण


अप्पन धरती बनाबऽ तों, अप्पन असमान बनाबऽ
अदमी तो सभे हे तों, अलग पहचान बनाबऽ
की करबऽ कुक्कुर जइसन, जिनगी जी करके
तों अप्पन धरम आउ, अप्पन ईमान बनाबऽ

वीर तो ऊहे हे जे नञ् डरऽ हे, आउ नञ् केकरो डराबऽ हे
सामने में कोय भी आ जाए, ऊ त सब्भे के हराबऽ हे
हम शोर मचाबेवाला नञ् ही, झकझोर देबेवाला ही
अंधरिया रात में भी कर हम, इंजोर देबेवाला ही

जीत लेबइ मुश्किल के हम, रुख हवा के मोड़ के
ई कब तक तरसइतइ जी, लेबइ तिनका तिनका जोड़ के

रात हमरा पसंद हे, तारा जे देखऽ हिऐ
आँख हमरा पसंद हे, नजरा जे देखऽ हिऐ
हम बिहारी शान ही, ई देश के पहचान ही
कोय मानऽ या न मानऽ, हम कल के हिंदुस्तान ही