भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"पीर धूल संघर्षण देना / रंजना वर्मा" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रंजना वर्मा |अनुवादक= |संग्रह=शाम...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

21:43, 18 मार्च 2019 के समय का अवतरण

पीर-धूल संघर्षण देना
प्राणों का नित अर्पण देना

अलग न कोई करने पाये
ऐसा मुग्ध समर्पण देना

जीवन में उत्साह जगाते
स्वप्नों का संकर्षण देना

मुग्ध रहूँ स्तब्ध न होऊँ
 वह अद्भुत आकर्षण देना

अपना अक्स देख मैं पाऊँ
मुझ को ऐसा दर्पण देना