भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"आप हिंदू बने और मुसलमान हम / सुमन ढींगरा दुग्गल" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सुमन ढींगरा दुग्गल |अनुवादक= |संग...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
14:18, 23 मार्च 2019 के समय का अवतरण
आप हिंदू बने और मुसलमान हम
बन न पाये मगर एक इंसान हम
अपने बारे में हम को ख़बर ही नहीं
जाने आबाद हैं अब कि वीरान हम