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"जितना भुलाना चाहें भुलाया न जायेगा / दरवेश भारती" के अवतरणों में अंतर
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जो भी हुआ सही कि ग़लत अपने दरमियाँ | जो भी हुआ सही कि ग़लत अपने दरमियाँ |
12:08, 18 अप्रैल 2019 के समय का अवतरण
जितना भुलाना चाहें भुलाया न जायेगा
दिल से किसी की याद का साया न जायेगा
वो बेवफ़ाइयों की करें कोशिशें हज़ार
दामन वफ़ा का उनसे छुड़ाया न जायेगा
करना किसी पर तंज़ बहुत सह्ल है, मगर
देता है ज़ख़्म जो ये बताया न जायेगा
जो भी हुआ सही कि ग़लत अपने दरमियाँ
उसको किताबे-दिल से मिटाया न जायेगा
मानो भी, दे दो अपनी परेशानियाँ तमाम
बारे-गिरां ये तुमसे उठाया न जायेगा
कोई भी क़ौम के तईं हो बेवफ़ा, मगर
इल्ज़ाम तो किसी पर लगाया न जायेगा
'दरवेश' अपनी ज़ात में सिमटे मिले सभी
हरगिज़ किसी से हाथ मिलाया न जायेगा