"सुनोॅ हो भैया किसान / ब्रह्मदेव कुमार" के अवतरणों में अंतर
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पढ़ै-लिखै के नया योजना, सुनोॅ हो भैया किसान। | पढ़ै-लिखै के नया योजना, सुनोॅ हो भैया किसान। | ||
− | यज्ञ समान ज्ञान-दान छै, साक्षरता | + | यज्ञ समान ज्ञान-दान छै, साक्षरता अभियान। |
बोलोॅ भैया रामे-राम, रामे-राम सीताराम | बोलोॅ भैया रामे-राम, रामे-राम सीताराम | ||
− | सब जन पढ़तै, होयतै एक | + | सब जन पढ़तै, होयतै एक समान। |
अज्ञान के अन्हरिया में कुहकै, हाय रे सबके प्राण। | अज्ञान के अन्हरिया में कुहकै, हाय रे सबके प्राण। | ||
− | पढ़ै-लिखै के बात सुनी केॅ, होय छै लोग | + | पढ़ै-लिखै के बात सुनी केॅ, होय छै लोग हैरान। |
− | बोलोॅ रामे-राम | + | बोलोॅ रामे-राम । |
काला अक्षर भैंस बराबर, कुछु नै बुझै में आय। | काला अक्षर भैंस बराबर, कुछु नै बुझै में आय। | ||
− | भंैसी आगू बीन बजाबै, भैंस रहै | + | भंैसी आगू बीन बजाबै, भैंस रहै पगुराय। |
− | बोलोॅ रामे-राम | + | बोलोॅ रामे-राम । |
बिना ज्ञान के होतौं नै भैया, खेती तोरोॅ बलवान। | बिना ज्ञान के होतौं नै भैया, खेती तोरोॅ बलवान। | ||
− | अंधा विश्वासोॅ में फँसलोॅ, धक-धक करतौं | + | अंधा विश्वासोॅ में फँसलोॅ, धक-धक करतौं जान। |
− | बोलोॅ रामे-राम | + | बोलोॅ रामे-राम । |
पढ़ी-लिखी केॅ आपनोॅ आरो, देशोॅ के करियोॅ कल्याण। | पढ़ी-लिखी केॅ आपनोॅ आरो, देशोॅ के करियोॅ कल्याण। | ||
− | ज्ञान चमक सेॅ चमकी जैतेॅ, सब्भै होठोॅ पर | + | ज्ञान चमक सेॅ चमकी जैतेॅ, सब्भै होठोॅ पर मुस्कान। |
− | बोलोॅ रामे-राम | + | बोलोॅ रामे-राम । |
तन आरोॅ मन दूनोॅ झूमै, आरो झूमतै सबके प्राण। | तन आरोॅ मन दूनोॅ झूमै, आरो झूमतै सबके प्राण। | ||
− | तोरोॅ खुशी केॅ देखी केॅ झूमै, साक्षरता | + | तोरोॅ खुशी केॅ देखी केॅ झूमै, साक्षरता अभियान। |
− | बोलोॅ रामे-राम | + | बोलोॅ रामे-राम । |
− | सब जन पढ़तै, होयतै एक | + | सब जन पढ़तै, होयतै एक समान। |
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23:04, 2 मई 2019 के समय का अवतरण
पढ़ै-लिखै के नया योजना, सुनोॅ हो भैया किसान।
यज्ञ समान ज्ञान-दान छै, साक्षरता अभियान।
बोलोॅ भैया रामे-राम, रामे-राम सीताराम
सब जन पढ़तै, होयतै एक समान।
अज्ञान के अन्हरिया में कुहकै, हाय रे सबके प्राण।
पढ़ै-लिखै के बात सुनी केॅ, होय छै लोग हैरान।
बोलोॅ रामे-राम ।
काला अक्षर भैंस बराबर, कुछु नै बुझै में आय।
भंैसी आगू बीन बजाबै, भैंस रहै पगुराय।
बोलोॅ रामे-राम ।
बिना ज्ञान के होतौं नै भैया, खेती तोरोॅ बलवान।
अंधा विश्वासोॅ में फँसलोॅ, धक-धक करतौं जान।
बोलोॅ रामे-राम ।
पढ़ी-लिखी केॅ आपनोॅ आरो, देशोॅ के करियोॅ कल्याण।
ज्ञान चमक सेॅ चमकी जैतेॅ, सब्भै होठोॅ पर मुस्कान।
बोलोॅ रामे-राम ।
तन आरोॅ मन दूनोॅ झूमै, आरो झूमतै सबके प्राण।
तोरोॅ खुशी केॅ देखी केॅ झूमै, साक्षरता अभियान।
बोलोॅ रामे-राम ।
सब जन पढ़तै, होयतै एक समान।