"चन्दा ऐसन मुखड़ा तोरोॅ / ब्रह्मदेव कुमार" के अवतरणों में अंतर
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अरे मृगनयनी अँखिया। | अरे मृगनयनी अँखिया। | ||
कैन्हे रे भेलै, आहे-कैन्हें रे भेलै | कैन्हे रे भेलै, आहे-कैन्हें रे भेलै | ||
− | कैन्हें भेलै हे उदसवा, बोलोॅ हे | + | कैन्हें भेलै हे उदसवा, बोलोॅ हे भौजी। |
भौजी- पिया परदेशिया हे ननदी, लिखी भेजै पतिया | भौजी- पिया परदेशिया हे ननदी, लिखी भेजै पतिया | ||
अरे दिल के जे बतिया। | अरे दिल के जे बतिया। | ||
केना जे पढ़भै, एहो-केना जे पढ़भै | केना जे पढ़भै, एहो-केना जे पढ़भै | ||
− | केना पढ़भै हमेॅ पतिया, बोलोॅ हे | + | केना पढ़भै हमेॅ पतिया, बोलोॅ हे ननदी। |
ननद- पढ़ै लेॅ हमेॅ सिखैबों हे भौजी, आपन्है पढ़ियोॅ पतिया | ननद- पढ़ै लेॅ हमेॅ सिखैबों हे भौजी, आपन्है पढ़ियोॅ पतिया | ||
अरे आपन्है लिखियोॅ पतिया। | अरे आपन्है लिखियोॅ पतिया। | ||
भागी रे जैथौं, आहे-भागी रे जैथौं | भागी रे जैथौं, आहे-भागी रे जैथौं | ||
− | भागी जैथौं तोरोॅ विपŸिाया, सुनोॅ हे | + | भागी जैथौं तोरोॅ विपŸिाया, सुनोॅ हे भौजी। |
भौजी- पढ़ै के होश नै रहलै हे ननदी, पढ़ै के जबेॅ उमरिया | भौजी- पढ़ै के होश नै रहलै हे ननदी, पढ़ै के जबेॅ उमरिया | ||
अरे सीखै के जबेॅ उमरिया। | अरे सीखै के जबेॅ उमरिया। | ||
आबेॅ तेॅ भेलीं, एहो-आबेॅ तेॅ भेलीं | आबेॅ तेॅ भेलीं, एहो-आबेॅ तेॅ भेलीं | ||
− | आबेॅ तेॅ भेलीं हम लड़कोरिया, सुनोॅ हे | + | आबेॅ तेॅ भेलीं हम लड़कोरिया, सुनोॅ हे ननदी। |
ननद- सबकेॅ पढ़ाय के लिखाय के, चललै चलनमां | ननद- सबकेॅ पढ़ाय के लिखाय के, चललै चलनमां | ||
अरे चललै योजनमां। | अरे चललै योजनमां। | ||
चली रे भइलै, आहे-चली रे गईलै | चली रे भइलै, आहे-चली रे गईलै | ||
− | चललै साक्षरता अभियनमां, सुनोॅ हे | + | चललै साक्षरता अभियनमां, सुनोॅ हे भौजी। |
भौजी- सुनी केॅ तोरोॅ बोली हे ननदी, डोलै मोरा मनमां | भौजी- सुनी केॅ तोरोॅ बोली हे ननदी, डोलै मोरा मनमां | ||
अरे बोलै मोरा मनमां। | अरे बोलै मोरा मनमां। | ||
करै छीं हम्में, एहो-करै छीं हम्में | करै छीं हम्में, एहो-करै छीं हम्में | ||
− | करै छीं पढ़ै-लिखै के परणमां, सुनोॅ हे | + | करै छीं पढ़ै-लिखै के परणमां, सुनोॅ हे ननदी। |
ननद- चललै साक्षरता अभियनमां, सुनोॅ हे भौजी। | ननद- चललै साक्षरता अभियनमां, सुनोॅ हे भौजी। | ||
− | भौजी- करै छीं पढ़ै-लिखै के परणमां, सुनोॅ हे | + | भौजी- करै छीं पढ़ै-लिखै के परणमां, सुनोॅ हे ननदी। |
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23:31, 2 मई 2019 के समय का अवतरण
ननद- चंदा ऐसनोॅ मुखड़ा तोरोॅ, मृगनयनी अँखिया
अरे मृगनयनी अँखिया।
कैन्हे रे भेलै, आहे-कैन्हें रे भेलै
कैन्हें भेलै हे उदसवा, बोलोॅ हे भौजी।
भौजी- पिया परदेशिया हे ननदी, लिखी भेजै पतिया
अरे दिल के जे बतिया।
केना जे पढ़भै, एहो-केना जे पढ़भै
केना पढ़भै हमेॅ पतिया, बोलोॅ हे ननदी।
ननद- पढ़ै लेॅ हमेॅ सिखैबों हे भौजी, आपन्है पढ़ियोॅ पतिया
अरे आपन्है लिखियोॅ पतिया।
भागी रे जैथौं, आहे-भागी रे जैथौं
भागी जैथौं तोरोॅ विपŸिाया, सुनोॅ हे भौजी।
भौजी- पढ़ै के होश नै रहलै हे ननदी, पढ़ै के जबेॅ उमरिया
अरे सीखै के जबेॅ उमरिया।
आबेॅ तेॅ भेलीं, एहो-आबेॅ तेॅ भेलीं
आबेॅ तेॅ भेलीं हम लड़कोरिया, सुनोॅ हे ननदी।
ननद- सबकेॅ पढ़ाय के लिखाय के, चललै चलनमां
अरे चललै योजनमां।
चली रे भइलै, आहे-चली रे गईलै
चललै साक्षरता अभियनमां, सुनोॅ हे भौजी।
भौजी- सुनी केॅ तोरोॅ बोली हे ननदी, डोलै मोरा मनमां
अरे बोलै मोरा मनमां।
करै छीं हम्में, एहो-करै छीं हम्में
करै छीं पढ़ै-लिखै के परणमां, सुनोॅ हे ननदी।
ननद- चललै साक्षरता अभियनमां, सुनोॅ हे भौजी।
भौजी- करै छीं पढ़ै-लिखै के परणमां, सुनोॅ हे ननदी।