[[Category:हाइकु]]
<poem>
641जग सुन्दरसुन्दर मन -तालभावों की छाया ।65सूने हैं तटआती नहीं आहटनीर अधीर।66थकीं लहरेंबाँचे अनवरततीर की पीर।67नहाने आतेजब चाँद -सितारेतट हर्षाते ।68नदियाँ सूखींउजड़े पनघटगलियाँ मौन।'''-0-7/2/2015''' 69
प्राण सींचती
सामगान -सी वाणी
सद्यस्नाता- सी।
270
नश्वर काया
तुम्हारी मोहमाया
बाँधे है मुझे।
371
आँसू तुम्हारे
भिगोएँ मेरा सीना
मैं बड़भागी।
472
रातों में जागूँ
तुम्हारे लिए ही मैं
दुआएँ माँगूँ ।
573
अंक में भरो
उलझी नेह -डोर
सुलझा भी दो।
674
प्राण अटके
तुम न मिल सके
हम भटके।
775
आँसू से धोए
सभी जीवन-द्वार