भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"न्यारा देश हमारा (छंद मदलेखा) / अनामिका सिंह 'अना'" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अनामिका सिंह 'अना' |अनुवादक= |संग्र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

16:58, 14 जुलाई 2019 के समय का अवतरण

न्यारा देश हमारा। प्राणों से अति प्यारा।
हिंदू मुस्लिम भाई। न्यारी है पहुनाई॥

भाती है यह थाती। उषा गीत सुनाती॥
पंछी हैं उड़ जाते। संध्या नीड़ सजाते॥

संध्या हो अलबेली। झूमे शाख चमेली॥
होली ईद मनाते। सारे रंग लगाते॥

प्यारे दृश्य सुहाते, सारे रंग लुभाते।
माटी है अति प्यारी, न्यारी है फुलवारी॥

सारे ही जन आला, प्यारा देश निराला।
माथा आज झुकायें। गाथायें यश गायें॥