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"होम्यो कविता: आर्सेनिक एल्बम / मनोज झा" के अवतरणों में अंतर

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17:28, 23 जुलाई 2019 के समय का अवतरण

घूँट-घूँट का प्यास रहे औ बेचैनी हरदम हो,
मर जाने की बात कहे जब दर्द मेँ तेज जलन हो।
 रोग भोग से कमजोरी हो अगर संग सूजन हो,
 गर्म सेँक से हो आराम तो आर्सेनिक एल्बम दो।

 खूब छीँक संग पतली सर्दी, दर्द न उसे सहन हो,
 बदबूदार गलानेवाला जिसका स्राव गरम हो,
सांस खीँचने मेँ तकलीफ हो-चित्त न करे शयन वह,
 बारह-दो के बीच बढ़े तो आर्सेनिक अल्बम दो।