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"मन किसी का / ऋषभ देव शर्मा" के अवतरणों में अंतर

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00:28, 30 जुलाई 2019 के समय का अवतरण

मन किसी का यों किरण से
बाँध कर चंचल
फेंकती हो क्यों किसी पर
तुम उबलता जल

तब मरण के पर्व से भी
रोक लाया रूप
अब नयन में आँजती हो
चिलचिलाती धूप
 
प्राण ले लेगा किसी का
भीलनी ! यह छल
फेंकती हो क्यों किसी पर
तुम उबलता जल
 
जबकि बतलाया तुम्हीं ने
वंदना का अर्थ
फिर किसी की आरती को
कर रही क्यों व्यर्थ
 
चाहते हैं सहज स्वीकृति
ये समर्पित पल
फेंकती हो क्यों किसी पर
तुम उबलता जल