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"मोर संगी / हेमनाथ यदु" के अवतरणों में अंतर
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भाई भाई म मचे लड़ाई, पांव परत दूसर के हन | भाई भाई म मचे लड़ाई, पांव परत दूसर के हन | ||
फ़ूल के संग मां कांटा उपजे, अइसन तनगे हावय मन | फ़ूल के संग मां कांटा उपजे, अइसन तनगे हावय मन | ||
− | धिरजा चिटको मन म नइये, ओतहा भइगे जांगर हे। ये मोर | + | धिरजा चिटको मन म नइये, ओतहा भइगे जांगर हे। ये मोर |
बात बात म बात बढ़ाके, दूरमत ल मोलियाये हन। | बात बात म बात बढ़ाके, दूरमत ल मोलियाये हन। | ||
परबर चारी बना बनाके, अपने आपन हंसाये हन | परबर चारी बना बनाके, अपने आपन हंसाये हन | ||
− | भाई के अब भाव नई रहिगे बनगे घुनहा खांसार हे। ये मोर | + | भाई के अब भाव नई रहिगे बनगे घुनहा खांसार हे। ये मोर |
लड़त कछेरी नर नियांव म, घर ह धलोक मठावत हे | लड़त कछेरी नर नियांव म, घर ह धलोक मठावत हे | ||
नाव नठागे गांव भठागे, सेवत करम ठठावत हे | नाव नठागे गांव भठागे, सेवत करम ठठावत हे | ||
− | घर ला फोरत फोर करइया हासत एक मन आगर हे। ये मोर | + | घर ला फोरत फोर करइया हासत एक मन आगर हे। ये मोर |
दाई दादा के मयां ह जागे तिरिया माया सजागे हे। | दाई दादा के मयां ह जागे तिरिया माया सजागे हे। | ||
कोन ले कहिबे कइसन कहिबे, मन हा घलोक लजागे हे | कोन ले कहिबे कइसन कहिबे, मन हा घलोक लजागे हे | ||
− | कल किथवन में अंकल सिरागे, सुक्खा मयां के सागर हे मोर | + | कल किथवन में अंकल सिरागे, सुक्खा मयां के सागर हे मोर |
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14:36, 4 अगस्त 2019 के समय का अवतरण
ये मोर संगी सुमत अटरिया, चढ़बोन कइसे मन ह बिरविट बादर है।
जतन के मारे बनत बिगड़थे, आंखी आंजे काजर है।
भाई भाई म मचे लड़ाई, पांव परत दूसर के हन
फ़ूल के संग मां कांटा उपजे, अइसन तनगे हावय मन
धिरजा चिटको मन म नइये, ओतहा भइगे जांगर हे। ये मोर
बात बात म बात बढ़ाके, दूरमत ल मोलियाये हन।
परबर चारी बना बनाके, अपने आपन हंसाये हन
भाई के अब भाव नई रहिगे बनगे घुनहा खांसार हे। ये मोर
लड़त कछेरी नर नियांव म, घर ह धलोक मठावत हे
नाव नठागे गांव भठागे, सेवत करम ठठावत हे
घर ला फोरत फोर करइया हासत एक मन आगर हे। ये मोर
दाई दादा के मयां ह जागे तिरिया माया सजागे हे।
कोन ले कहिबे कइसन कहिबे, मन हा घलोक लजागे हे
कल किथवन में अंकल सिरागे, सुक्खा मयां के सागर हे मोर