भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"ओल्गा तकारचुक" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
||
(इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया) | |||
पंक्ति 8: | पंक्ति 8: | ||
|मृत्यु= | |मृत्यु= | ||
|कृतियाँ=आइनों में शहर (1988) कविता-सँग्रह, आलमारी (1997), दिनघर-रातघर (1998), बड़े दिन (क्रिसमस) की कहानियाँ (2000), कई ढोल बजाए एक साथ (2001), दुनिया के गुम्बद में आन्ना (2006), याकूब की सीढ़ी (2014), अन्तिम कहानियाँ (2017), गुड़िया और मोती (2018), उड़ानें (2018), विचित्र कहानियाँ (2018), मृतकों के अवशेषों पर अपना हल चलाओ (2019) | |कृतियाँ=आइनों में शहर (1988) कविता-सँग्रह, आलमारी (1997), दिनघर-रातघर (1998), बड़े दिन (क्रिसमस) की कहानियाँ (2000), कई ढोल बजाए एक साथ (2001), दुनिया के गुम्बद में आन्ना (2006), याकूब की सीढ़ी (2014), अन्तिम कहानियाँ (2017), गुड़िया और मोती (2018), उड़ानें (2018), विचित्र कहानियाँ (2018), मृतकों के अवशेषों पर अपना हल चलाओ (2019) | ||
− | |विविध=2008 में पोलैण्ड का सर्वोच्च साहित्यिक पुरस्कार ’नाइक अवार्ड’मिला। | + | |विविध=2008 में पोलैण्ड का सर्वोच्च साहित्यिक पुरस्कार ’नाइक अवार्ड’मिला। 2018 में प्रसिद्ध यूरोपीय बुकेर साहित्य अवार्ड मिला। पेशे से मनोविज्ञानी हैं। ग्रीन पार्टी की समर्थक हैं। |
|जीवनी=[[ओल्गा तकारचुक / परिचय]] | |जीवनी=[[ओल्गा तकारचुक / परिचय]] | ||
|अंग्रेज़ीनाम=Olga Tokarczuk | |अंग्रेज़ीनाम=Olga Tokarczuk | ||
पंक्ति 18: | पंक्ति 18: | ||
====कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ==== | ====कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ==== | ||
* [[मन्द गति से धड़के है दिल / ओल्गा तकारचुक / अनिल जनविजय]] | * [[मन्द गति से धड़के है दिल / ओल्गा तकारचुक / अनिल जनविजय]] | ||
+ | * [[शब्द / ओल्गा तकारचुक / अनिल जनविजय]] |
03:17, 12 अक्टूबर 2019 के समय का अवतरण
ओल्गा तकारचुक
जन्म | 29 जनवरी 1962 |
---|---|
उपनाम | Olga Nawoja Tokarczuk |
जन्म स्थान | सुलेख़ो, पश्चिमी पोलैण्ड |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
आइनों में शहर (1988) कविता-सँग्रह, आलमारी (1997), दिनघर-रातघर (1998), बड़े दिन (क्रिसमस) की कहानियाँ (2000), कई ढोल बजाए एक साथ (2001), दुनिया के गुम्बद में आन्ना (2006), याकूब की सीढ़ी (2014), अन्तिम कहानियाँ (2017), गुड़िया और मोती (2018), उड़ानें (2018), विचित्र कहानियाँ (2018), मृतकों के अवशेषों पर अपना हल चलाओ (2019) | |
विविध | |
2008 में पोलैण्ड का सर्वोच्च साहित्यिक पुरस्कार ’नाइक अवार्ड’मिला। 2018 में प्रसिद्ध यूरोपीय बुकेर साहित्य अवार्ड मिला। पेशे से मनोविज्ञानी हैं। ग्रीन पार्टी की समर्थक हैं। | |
जीवन परिचय | |
ओल्गा तकारचुक / परिचय |