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समीर परिमल
जन्म | 01 मार्च 1969 |
---|---|
जन्म स्थान | गोपालगंज (बिहार) |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
दिल्ली चीख़ती है (2017) | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
समीर परिमल / परिचय |
कुछ प्रतिनिधि रचनाएँ
- तमाम शै में वो अक्सर दिखाई देता है / समीर परिमल
- उसी क़ातिल का सीने में तेरे ख़ंजर रहा होगा / समीर परिमल
- मैं बनाता तुझे हमसफ़र ज़िंदगी / समीर परिमल
- साज़िशों की भीड़ थी, चेहरा छुपाकर चल दिए / समीर परिमल
- भरी महफ़िल में रुसवा क्यूँ करें हम / समीर परिमल
- मुहब्बत की निशानी को कुचल कर / समीर परिमल
- बड़ा जबसे घराना हो गया है / समीर परिमल
- वही है बस्ती, वही हैं गलियाँ / समीर परिमल
- मुझसे इस प्यास की शिद्दत न सँभाली जाए / समीर परिमल
- जहाँ के रिवाजों की ऐसी की तैसी / समीर परिमल
- ख़्वाबों ने हम पर इतराना छोड़ दिया / समीर परिमल
- ताक़ पर रक्खी मिली मुझको किताबे-ज़िन्दगी / समीर परिमल
- धरती वफ़ा की, इश्क़ का अम्बर तलाश कर / समीर परिमल
- आपने जुमले गढ़े, वादा समझ बैठे थे हम / समीर परिमल
- शरारत है, शिकायत है, नज़ाक़त है, क़यामत है / समीर परिमल
- किसी की सरफ़रोशी चीख़ती है / समीर परिमल
- प्यार देकर भी मिले प्यार, ज़रूरी तो नहीं / समीर परिमल
- देखता हूँ मैं हवाओं का जो आँधी होना / समीर परिमल
- क़ब्र पर इंसानियत की आशियाने हो गए / समीर परिमल
- राहे-वफ़ा में जब भी चले, इस क़दर चले / समीर परिमल