भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"उस लोक में / डोरिस कारेवा / तेजी ग्रोवर" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=डोरिस कारेवा |अनुवादक=तेजी ग्रोव...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
 
पंक्ति 8: पंक्ति 8:
 
<poem>
 
<poem>
 
हर दिन
 
हर दिन
 
 
हर रात
 
हर रात
 
कोई आता है ।
 
कोई आता है ।

13:43, 11 नवम्बर 2019 के समय का अवतरण

हर दिन
हर रात
कोई आता है ।

झुलसी हुई आँखें लिए ।

एक शब्द तक नहीं
उसने क्या देखा था
उस लोक में

जहाँ जीवन था ।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : तेजी ग्रोवर