"अलविदा / गैयोम अपोल्लीनेर / अनिल जनविजय" के अवतरणों में अंतर
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अलविदा मेरे प्यार, अलविदा दुर्भाग्य | अलविदा मेरे प्यार, अलविदा दुर्भाग्य | ||
− | मुक्त हो गईं तुम, यह | + | मुक्त हो गईं तुम, यह है मेरा कुभाग्य |
वो आसमानी प्रेम, बस, कुछ देर झलका | वो आसमानी प्रेम, बस, कुछ देर झलका | ||
फिर उस पर काला अन्धेरा-सा छलका | फिर उस पर काला अन्धेरा-सा छलका | ||
− | + | अब हमेशा के लिए तिमिर उसपर ढलका । | |
− | समुद्र | + | समुद्र सी थी गहरी तेरी वो नज़र |
गर्म थी, हरी थी, खिला बादाम का शजर | गर्म थी, हरी थी, खिला बादाम का शजर | ||
पैरों के नीचे हमारे, जो फूल दब गए थे | पैरों के नीचे हमारे, जो फूल दब गए थे | ||
एक बार फिर खिले वो, फिर से फब गए थे | एक बार फिर खिले वो, फिर से फब गए थे | ||
− | तेरी याद आ रही | + | तेरी याद आ रही है, मुझे भरमा रही है । |
− | मुरमेलोन के पास | + | मुरमेलोन के पास हूँ मैं, यह है वह इलाका |
जहाँ विरह में मधुपान कर, मुझ जैसा छैला-बाँका | जहाँ विरह में मधुपान कर, मुझ जैसा छैला-बाँका | ||
− | गोलाबारी से घिरा | + | गोलाबारी से घिरा है, झेले गोलों का धमाका |
ओ लू ! तू अशुभ है, अमंगल, नज़र तेरी भोली | ओ लू ! तू अशुभ है, अमंगल, नज़र तेरी भोली | ||
− | मुझे बेध रही | + | मुझे बेध रही है ऐसे, ज्यों सीसे की कोई गोली । |
'''रूसी से अनुवाद : अनिल जनविजय''' | '''रूसी से अनुवाद : अनिल जनविजय''' | ||
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19:18, 28 नवम्बर 2019 के समय का अवतरण
लू<ref>लुइज़ा दे कोलीनी-शतियोन नामक एक भद्र महिला, जिसे अपोल्लीनेर मन ही मन चाहते थे। कवि ने इस कविता को अपनी पाँच श्रेष्ठ कविताओं में से एक माना था।</ref> के लिए
अलविदा मेरे प्यार, अलविदा दुर्भाग्य
मुक्त हो गईं तुम, यह है मेरा कुभाग्य
वो आसमानी प्रेम, बस, कुछ देर झलका
फिर उस पर काला अन्धेरा-सा छलका
अब हमेशा के लिए तिमिर उसपर ढलका ।
समुद्र सी थी गहरी तेरी वो नज़र
गर्म थी, हरी थी, खिला बादाम का शजर
पैरों के नीचे हमारे, जो फूल दब गए थे
एक बार फिर खिले वो, फिर से फब गए थे
तेरी याद आ रही है, मुझे भरमा रही है ।
मुरमेलोन के पास हूँ मैं, यह है वह इलाका
जहाँ विरह में मधुपान कर, मुझ जैसा छैला-बाँका
गोलाबारी से घिरा है, झेले गोलों का धमाका
ओ लू ! तू अशुभ है, अमंगल, नज़र तेरी भोली
मुझे बेध रही है ऐसे, ज्यों सीसे की कोई गोली ।
रूसी से अनुवाद : अनिल जनविजय