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जिसका हो समुंदर
क्या है कोई मछली?
जिसकी हो झील
क्या है कोई मछली?
जिसकी हो नदी
क्या है कोई मछली
जिसका हो पोखर
क्या है कोई मछली?
न समुंदर! न झील!
न नदी! न पोखर!
हाँ, मछलीघर जरूर है
सौंदर्यबोध की
एक शहरी खुराफात!
मछलियों के नाम पर!
पर कितनी सुखद है
मछलियों के लिए
ये वाहियात खबर-
कि समुंदर, कि झिले,
कि नदी, कि पोखर
ये तमाम...........
मछलियों के हैं
मछलियों द्वारा हैं
मछलियों के लिए हैं!