भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"देन्णा होई जाया बें सेळी धरती / गढ़वाली" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {KKGlobal}} {{KKLokRachna |रचनाकार=अज्ञात }} {{KKLokGeetBhaashaSoochi |भाषा=खड़ी बोली }}<poem> देन्णा हो…)
 
 
पंक्ति 5: पंक्ति 5:
 
{{KKLokGeetBhaashaSoochi
 
{{KKLokGeetBhaashaSoochi
 
|भाषा=खड़ी बोली
 
|भाषा=खड़ी बोली
}}<poem>
+
}}
 +
{{KKCatGadhwaliRachna}}
 +
<poem>
 
देन्णा होई जाया बें सेळी धरती  
 
देन्णा होई जाया बें सेळी धरती  
 
देन्णा होई जाया बें भूमियाळा दयोऊ
 
देन्णा होई जाया बें भूमियाळा दयोऊ

16:36, 6 फ़रवरी 2020 के समय का अवतरण

{KKGlobal}}

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

देन्णा होई जाया बें सेळी धरती
देन्णा होई जाया बें भूमियाळा दयोऊ
देन्णा होई जाया बें माईSSमडूली
देन्णा होई जाया बें रितू बसंता


देन्णा होयां देवताओं उलामुला मासा
देन्णा होयां देवताओं चुलामुला बारा
ऋतू बौडी औगया बै दाई जसो फेरो
ऋतू बौडी औगया बै बारूणी बगत

उलापैटा मासा बै बौडी कै नी औना
ऋतू फेरी बसंता बै फेर बौडी औगे
सूकुओ का सनणा बै मौली कै नी औना
हरी भरी सनणा बै फेर मौळी औगे

कनु औगे दयाल्तायों चौपन्थी चौखाळ
मौळणाऊ लैगे बै चांचर की धूप
ऋतू चाडों बासना ऋतू ऋतू बोना
ऋतू चाडी बासनी मैता-मैता बोनी

ओखाडा की फाग्यूं माँ कफ़ूणा बासलों
सान्यों-सान्यों बासा बै घुघूती घूरली
सैळा जैटा बारां बै सैळी सूरी बासा
माळनो की घुघूती पराबतूं आगे