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"तब आएँगे क्या याद प्रिये / राहुल शिवाय" के अवतरणों में अंतर

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कुछ मेरे साथ बिताए पल
 
कुछ मेरे साथ बिताए पल
तब आएँगे क्या याद प्रिये ?
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तब आएँगे क्या याद प्रिये?
  
 
उत्सव जैसा वह पल होगा  
 
उत्सव जैसा वह पल होगा  
ढोलक-मंजीरे बाजेंगे,  
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ढोलक - मंजीरे बाजेंगे,  
तब नृत्य,गीत,संगीत वहाँ  
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तब नृत्य, गीत, संगीत वहाँ  
शादी की ख़ुशियाँ साजेगें।
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शादी की ख़ुशियाँ साजेंगे।
होगी हल्दी तन पर तेरे
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हल्दी, मेहंदी, पायल, कंगन
मेंहदी पिय नाम बताएगी,  
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बिंदी जब तुझे सजायेंगी,  
 
सखियाँ भी तुझको छेड़-छेड़  
 
सखियाँ भी तुझको छेड़-छेड़  
लेकर पिय नाम चिढ़ाएगी।
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लेकर पिय नाम चिढ़ायेंगी।
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तेरे अंतर भी खुशियों का  
 
तेरे अंतर भी खुशियों का  
जब छाएगा उन्माद प्रिये!
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क्या छाएगा उन्माद प्रिये?  
कुछ मेरे साथ बिताए पल
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तब आएँगे क्या याद प्रिये ?
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जब तुम वेदी पर बैठोगी
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जब तू वेदी पर बैठेगी
 
नव रिश्ते जोड़े जाएँगे,  
 
नव रिश्ते जोड़े जाएँगे,  
 
जब माँग भरेगी सिन्दूरी  
 
जब माँग भरेगी सिन्दूरी  
 
फेरे जब शपथ खिलाएँगे।
 
फेरे जब शपथ खिलाएँगे।
जब तुम होगी पिय बाँहों में  
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जब तू होगी पिय बाँहों में  
 
जीवन में प्यार नया होगा,  
 
जीवन में प्यार नया होगा,  
जिसको तुम छोड़ न पाओगी
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जिसको तू छोड़ न पायेगी।
ऐसा संसार नया होगा।  
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ऐसा संसार नया होगा।  
बोलो तब भी मेरी ख़ातिर
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निकलेगी क्या फ़रियाद प्रिये! 
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कुछ मेरे साथ बिताए पल
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तब आएँगे क्या याद प्रिये ?
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पल-भर का मेरा साथ रहा  
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क्या याद रहेंगें तब तुझको
पल-भर का मैं था मीत प्रिये!
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ये  प्रेम  भरे  संवाद  प्रिये?
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माना कुछ दिन का साथ रहा  
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माना कुछ दिन के मीत रहे,
 
लेकिन फिर भी बस तुझको ही  
 
लेकिन फिर भी बस तुझको ही  
गाते थे मेरे गीत प्रिये!
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गाते ये  मेरे गीत रहे।
अब भी ये तुझको गाएँगे
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अब भी ये तुझको गाएँगे
 
चाहे तुझपर अधिकार नहीं,  
 
चाहे तुझपर अधिकार नहीं,  
तुम दूर कहीं भी जाओ पर
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तू दूर कहीं भी जा लेकिन
 
होगा कम मेरा प्यार नहीं।  
 
होगा कम मेरा प्यार नहीं।  
मैं अपनी क़समों ,वादों से  
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करता तुझको आज़ाद प्रिये!
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क्या तू यादों की कारा से  
कुछ मेरे साथ बिताए पल
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हो  जाएगी आज़ाद प्रिये?
तब आएँगे क्या याद प्रिये ?
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15:56, 18 फ़रवरी 2020 के समय का अवतरण

कुछ मेरे साथ बिताए पल
तब आएँगे क्या याद प्रिये?

उत्सव जैसा वह पल होगा
ढोलक - मंजीरे बाजेंगे,
तब नृत्य, गीत, संगीत वहाँ
शादी की ख़ुशियाँ साजेंगे।
हल्दी, मेहंदी, पायल, कंगन
बिंदी जब तुझे सजायेंगी,
सखियाँ भी तुझको छेड़-छेड़
लेकर पिय नाम चिढ़ायेंगी।

तेरे अंतर भी खुशियों का
क्या छाएगा उन्माद प्रिये?

जब तू वेदी पर बैठेगी
नव रिश्ते जोड़े जाएँगे,
जब माँग भरेगी सिन्दूरी
फेरे जब शपथ खिलाएँगे।

जब तू होगी पिय बाँहों में
जीवन में प्यार नया होगा,
जिसको तू छोड़ न पायेगी।
ऐसा संसार नया होगा।

क्या याद रहेंगें तब तुझको
ये प्रेम भरे संवाद प्रिये?

माना कुछ दिन का साथ रहा
माना कुछ दिन के मीत रहे,
लेकिन फिर भी बस तुझको ही
गाते ये मेरे गीत रहे।
अब भी ये तुझको गाएँगे
चाहे तुझपर अधिकार नहीं,
तू दूर कहीं भी जा लेकिन
होगा कम मेरा प्यार नहीं।

क्या तू यादों की कारा से
हो जाएगी आज़ाद प्रिये?