भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"दिल्ली से आवाज उठी है / राहुल शिवाय" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
 
पंक्ति 10: पंक्ति 10:
 
दिल्ली से आवाज उठी है  
 
दिल्ली से आवाज उठी है  
 
सबको काम दिया है हमने
 
सबको काम दिया है हमने
 +
 
आज देश का युवा पढ़ा है
 
आज देश का युवा पढ़ा है
 
कुछ तो वह कर के जी लेगा  
 
कुछ तो वह कर के जी लेगा  

18:54, 18 फ़रवरी 2020 के समय का अवतरण

दिल्ली से आवाज उठी है
सबको काम दिया है हमने

आज देश का युवा पढ़ा है
कुछ तो वह कर के जी लेगा
दूध नहीं दे पाए हम तो
पानी ही जी भर पी लेगा
काम बड़ा, छोटा होता है
उनसे कहा बताओ किसने

उम्मीदें बाँधी जो हमसे
उम्मीदों पर खरे रहेंगें
पाँच वर्ष में इतनी गहरी
खाई कैसे कहो भरेंगें
अगले पाँच वर्ष में देखो
कैसे पूरे होंगे सपने

अभी नगर को महानगर-सा
बनने में कुछ देर लगेगी
हैं विकास में लगे हुए हम
सब्र करो, नौकरी मिलेगी
आश्वासन से हल निकलेगा
आखिर हम हैं उनके अपने

रचनाकाल-16 फरवरी 2016