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"दिल्ली से आवाज उठी है / राहुल शिवाय" के अवतरणों में अंतर
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कुछ तो वह कर के जी लेगा | कुछ तो वह कर के जी लेगा |
18:54, 18 फ़रवरी 2020 के समय का अवतरण
दिल्ली से आवाज उठी है
सबको काम दिया है हमने
आज देश का युवा पढ़ा है
कुछ तो वह कर के जी लेगा
दूध नहीं दे पाए हम तो
पानी ही जी भर पी लेगा
काम बड़ा, छोटा होता है
उनसे कहा बताओ किसने
उम्मीदें बाँधी जो हमसे
उम्मीदों पर खरे रहेंगें
पाँच वर्ष में इतनी गहरी
खाई कैसे कहो भरेंगें
अगले पाँच वर्ष में देखो
कैसे पूरे होंगे सपने
अभी नगर को महानगर-सा
बनने में कुछ देर लगेगी
हैं विकास में लगे हुए हम
सब्र करो, नौकरी मिलेगी
आश्वासन से हल निकलेगा
आखिर हम हैं उनके अपने
रचनाकाल-16 फरवरी 2016