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"दाग़ / अरविन्द भारती" के अवतरणों में अंतर

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18:09, 26 फ़रवरी 2020 के समय का अवतरण

सर ऊपर उठाकर
छाती फुलाकर
कहते फिरते हो
हमारी
सभ्यता और संस्कृति
विश्व में
सर्वश्रेष्ठ है

सुनो
तुम्हारी पीठ पर
एक दाग है
बहुत बड़ा

तुम
भले ही
बेशर्मों की तरह
कहते फिरते हो
कि कुछ दाग
अच्छे होते है
पर
तुम्हारे इस कृत्य से
मानवता शर्मसार है।