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"इस जहां से जब उजाले मिट गए / अभिषेक कुमार अम्बर" के अवतरणों में अंतर
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19:46, 6 मार्च 2020 के समय का अवतरण
इस जहां से जब उजाले मिट गए,
दोषियों के दोष काले मिट गए।
क्यों जहां में बढ़ रही हैं नफ़रतें,
क्या मोहब्बत करने वाले मिट गए।
ख़ुद थे अपनी जान के दुश्मन हमीं
आस्तीं में साँप पाले मिट गए।