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"लड़कियां / प्रदीप कुमार" के अवतरणों में अंतर
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उमंग है | उमंग है | ||
विदाई के गीत हैं | विदाई के गीत हैं | ||
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प्रेम है प्रीत है | प्रेम है प्रीत है | ||
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− | + | लड़कियाँ हैं तो सजती हैं चूड़ियाँ, | |
− | + | जँचते है कंगन | |
+ | लड़कियाँ हैं तो संस्कार है, | ||
रिश्तों में खनकती झंकार है | रिश्तों में खनकती झंकार है | ||
− | + | लड़कियाँ हैं तो सावन के झूले है | |
राखी का त्यौहार है | राखी का त्यौहार है | ||
होली है | होली है | ||
रंगों की फुहार है | रंगों की फुहार है | ||
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लड़किया हैं तो भाव है, | लड़किया हैं तो भाव है, | ||
− | + | अल्हड़पन है लगाव है | |
लड़कियाँ हैं तो देने का सुख है | लड़कियाँ हैं तो देने का सुख है | ||
लड़कियाँ बुनियाद है | लड़कियाँ बुनियाद है | ||
− | परिवार का आधार | + | परिवार का आधार हैं । |
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18:38, 2 अप्रैल 2020 के समय का अवतरण
लड़कियाँ हैं तो उत्सव है
उमंग है
विदाई के गीत हैं
लड़कियाँ हैं तो संगीत है
प्रेम है प्रीत है
लड़कियाँ हैं तो सजती हैं चूड़ियाँ,
जँचते है कंगन
लड़कियाँ हैं तो संस्कार है,
रिश्तों में खनकती झंकार है
लड़कियाँ हैं तो सावन के झूले है
राखी का त्यौहार है
होली है
रंगों की फुहार है
लड़किया हैं तो भाव है,
अल्हड़पन है लगाव है
लड़कियाँ हैं तो देने का सुख है
लड़कियाँ बुनियाद है
परिवार का आधार हैं ।