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"चंदामामा / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ" के अवतरणों में अंतर
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चड़े हिरन के रथ पर आये।
सबको चन्दामामा भाये॥
दिखते जैसे थाली गोल।
दूध कटोरे से अनमोल॥
अमृत भरा लबालब इनमें।
टपकायेगें सबके मुँह में॥
आँखें इन्हें देखती जाती।
मन में सुन्दरता बस जाती॥
लक्ष्मी माँ के भाई प्यारे।
चन्दामामा हमको प्यारे॥