भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"चंदामामा / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सरोजिनी कुलश्रेष्ठ |अनुवादक= |संग...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

13:34, 11 अप्रैल 2020 के समय का अवतरण

चड़े हिरन के रथ पर आये।
सबको चन्दामामा भाये॥
दिखते जैसे थाली गोल।
दूध कटोरे से अनमोल॥
अमृत भरा लबालब इनमें।
टपकायेगें सबके मुँह में॥
आँखें इन्हें देखती जाती।
मन में सुन्दरता बस जाती॥
लक्ष्मी माँ के भाई प्यारे।
चन्दामामा हमको प्यारे॥