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"सुन ले मेरे प्यारे बेटे / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ" के अवतरणों में अंतर
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सुन ले मेरे प्यारे बेटे
किस्सा एक सुनाती हूँ
हीरामन तोते की थोड़ी
बातें तुझे बताती हूँ
पंडित जी ने तोता पाला
राम राम वह रटता था
जो भी आता घर के अन्दर
'आओ स्वागत' कहता था
एक दिन एक चोर आया तो
'चोर चोर' कह चीखा था
जागे थे झटपट पंडित जी
द्वार खुला है देखा था
फिर तो हुई मरम्मत उसकी
तोते की तारीफ हुई
पक्षी भी रक्षा करते हैं
कहने वाली बात हुई
किस्सा खत्म हुआ तू सो जा
मेरे प्यारे अब तो सो जा