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"तिम्रो चाह / गीता त्रिपाठी" के अवतरणों में अंतर
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लेख्दालेख्दै गीतहरू पाना भरिदिन्छु
तिम्रो चाह मेरो आँखाबाट छरिदिन्छु
कैले नीलो आकाशझैँ फैलिएर हाँस्छु
धरतीको हरियाली सजाएर बाँच्छु
ओठभरि वसन्तको खुसी भरिदिन्छु
तिम्रो चाह मेरो आँखाबाट छरिदिन्छु
कैले नीलो सागरझैँ उर्लीउर्ली छोप्छु
किनारको ढुङ्गामाथि नयाँ प्रीति खोप्छु
आफ्नै प्राणभन्दा तिम्रो नजिक सरिदिन्छु
तिम्रो चाह मेरो आँखाबाट छरिदिन्छु
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