भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"विश्वास और अविश्वास के बीच / नोमान शौक़" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(नया पृष्ठ: आदी हो चुके हैं ये शब्द<br /> नेताओं की भाषा बोलने के<br /> बदलते रहते है...) |
(कोई अंतर नहीं)
|
00:09, 14 सितम्बर 2008 का अवतरण
आदी हो चुके हैं ये शब्द
नेताओं की भाषा बोलने के
बदलते रहते हैं इनके अर्थ भी
बदलते युग के साथ
इनकी बदलती भाव भंगिमाओं से
तंग आ चुके हैं शब्दकोश
जो कुछ मैं लिख रहा हूं आज
न जाने क्या क्या अर्थ निकाले जाएं
कल इन्ही शब्दों से
तो क्या
मैं भरोसा नहीं कर सकता
अपने शब्दों पर भी।