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"दुनिया लागेला दैनिक अखबार हो गइल। / अनिरुद्ध तिवारी 'संयोग'" के अवतरणों में अंतर
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दुनिया लागेला दैनिक अखबार हो गइल
दिन दिन जिनिगी के दिन
समाचार हो गइल।
कान का कहिया अवसर
मिली कि सुनी।
एगो आदमी से आदमी के
प्यार हो गइल।