भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"फगत म्हैं अेकलो / इरशाद अज़ीज़" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= इरशाद अज़ीज़ |अनुवादक= |संग्रह= मन...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

16:46, 15 जून 2020 के समय का अवतरण

हिचकोळा खावती
बाळपणै री
बा कागज री नाव
हमेस आपरी ठौड़ पूगती
जद कदैई डूबण लागती
म्हारा जीसा
आपरै हाथां री पतवार सूं
पार लगा देंवता

अब जद कदैई
डूबण लागै
जीवण री नाव
आंख्यां रै मांय तूफान
तूफान मांय घिरी आ नाव
नाव मांय
फगत म्हैं अेकलो।