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"चिराग़ दिल का म़ुकाबिल हवा के रखते हैं / हस्तीमल 'हस्ती'" के अवतरणों में अंतर

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कहीं ख़ुलूस कहीं दोस्ती, कहीं पे व़फा  
 
कहीं ख़ुलूस कहीं दोस्ती, कहीं पे व़फा  
बड़े करीने से घर को सजा के रखते हैं  
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बड़े क़रीने से घर को सजा के रखते हैं  
  
 
अनापसंद हैं `हस्ती' जी सच सही लेकिन  
 
अनापसंद हैं `हस्ती' जी सच सही लेकिन  
 
नज़र को अपनी हमेशा झुका के रखते हैं  
 
नज़र को अपनी हमेशा झुका के रखते हैं  
 
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14:55, 17 जून 2020 के समय का अवतरण

चिराग़ दिल का मुक़ाबिल हवा के रखते हैं
हर एक हाल में तेवर बला के रखते हैं

मिला दिया है पसीना भले ही मिट्टी में
हम अपनी आँख का पानी बचा के रखते हैं

हमें पसंद नहीं जंग में भी मक्कारी
जिसे निशाने पे रक्खें बता के रखते हैं

कहीं ख़ुलूस कहीं दोस्ती, कहीं पे व़फा
बड़े क़रीने से घर को सजा के रखते हैं

अनापसंद हैं `हस्ती' जी सच सही लेकिन
नज़र को अपनी हमेशा झुका के रखते हैं