"अभिनय / मंगलेश डबराल" के अवतरणों में अंतर
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एक गहन आत्मविश्वास से भरकर | एक गहन आत्मविश्वास से भरकर | ||
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सुबह निकल पड़ता हूँ घर से | सुबह निकल पड़ता हूँ घर से | ||
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ताकि सारा दिन आश्वस्त रह सकूँ | ताकि सारा दिन आश्वस्त रह सकूँ | ||
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एक आदमी से मिलते हुए मुस्कराता हूँ | एक आदमी से मिलते हुए मुस्कराता हूँ | ||
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वह एकाएक देख लेता है मेरी उदासी | वह एकाएक देख लेता है मेरी उदासी | ||
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एक से तपाक से हाथ मिलाता हूँ | एक से तपाक से हाथ मिलाता हूँ | ||
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वह जान जाता है मैं भीतर से हूँ अशांत | वह जान जाता है मैं भीतर से हूँ अशांत | ||
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एक दोस्त के सामने ख़ामोश बैठ जाता हूँ | एक दोस्त के सामने ख़ामोश बैठ जाता हूँ | ||
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वह कहता है तुम दुबले बीमार क्यों दिखते हो | वह कहता है तुम दुबले बीमार क्यों दिखते हो | ||
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जिन्होंने मुझे कभी घर में नहीं देखा | जिन्होंने मुझे कभी घर में नहीं देखा | ||
+ | वे कहते हैं अरे आप टी०वी० पर दिखे थे एक दिन | ||
− | + | बाज़ारों में घूमता हूँ निःशब्द | |
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− | बाज़ारों में घूमता हूँ | + | |
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डिब्बों में बन्द हो रहा है पूरा देश | डिब्बों में बन्द हो रहा है पूरा देश | ||
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पूरा जीवन बिक्री के लिए | पूरा जीवन बिक्री के लिए | ||
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एक नई रंगीन किताब है जो मेरी कविता के | एक नई रंगीन किताब है जो मेरी कविता के | ||
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विरोध में आई है | विरोध में आई है | ||
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जिसमें छपे सुन्दर चेहरों को कोई कष्ट नहीं | जिसमें छपे सुन्दर चेहरों को कोई कष्ट नहीं | ||
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जगह जगह नृत्य की मुद्राएँ हैं विचार के बदले | जगह जगह नृत्य की मुद्राएँ हैं विचार के बदले | ||
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जनाब एक पूरी फ़िल्म है लम्बी | जनाब एक पूरी फ़िल्म है लम्बी | ||
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आप ख़रीद लें और भरपूर आनन्द उठाएँ | आप ख़रीद लें और भरपूर आनन्द उठाएँ | ||
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शेष जो कुछ है अभिनय है | शेष जो कुछ है अभिनय है | ||
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चारों ओर आवाज़ें आ रही हैं | चारों ओर आवाज़ें आ रही हैं | ||
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मेकअप बदलने का भी समय नहीं है | मेकअप बदलने का भी समय नहीं है | ||
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हत्यारा एक मासूम के कपड़े पहनकर चला आया है | हत्यारा एक मासूम के कपड़े पहनकर चला आया है | ||
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वह जिसे अपने पर गर्व था | वह जिसे अपने पर गर्व था | ||
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एक ख़ुशामदी की आवाज़ में गिड़गिड़ा रहा है | एक ख़ुशामदी की आवाज़ में गिड़गिड़ा रहा है | ||
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ट्रेजडी है संक्षिप्त लम्बा प्रहसन | ट्रेजडी है संक्षिप्त लम्बा प्रहसन | ||
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हरेक चाहता है किस तरह झपट लूँ | हरेक चाहता है किस तरह झपट लूँ | ||
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सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार । | सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार । | ||
− | + | '''रचनाकाल : 1990''' | |
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15:23, 18 जून 2020 के समय का अवतरण
एक गहन आत्मविश्वास से भरकर
सुबह निकल पड़ता हूँ घर से
ताकि सारा दिन आश्वस्त रह सकूँ
एक आदमी से मिलते हुए मुस्कराता हूँ
वह एकाएक देख लेता है मेरी उदासी
एक से तपाक से हाथ मिलाता हूँ
वह जान जाता है मैं भीतर से हूँ अशांत
एक दोस्त के सामने ख़ामोश बैठ जाता हूँ
वह कहता है तुम दुबले बीमार क्यों दिखते हो
जिन्होंने मुझे कभी घर में नहीं देखा
वे कहते हैं अरे आप टी०वी० पर दिखे थे एक दिन
बाज़ारों में घूमता हूँ निःशब्द
डिब्बों में बन्द हो रहा है पूरा देश
पूरा जीवन बिक्री के लिए
एक नई रंगीन किताब है जो मेरी कविता के
विरोध में आई है
जिसमें छपे सुन्दर चेहरों को कोई कष्ट नहीं
जगह जगह नृत्य की मुद्राएँ हैं विचार के बदले
जनाब एक पूरी फ़िल्म है लम्बी
आप ख़रीद लें और भरपूर आनन्द उठाएँ
शेष जो कुछ है अभिनय है
चारों ओर आवाज़ें आ रही हैं
मेकअप बदलने का भी समय नहीं है
हत्यारा एक मासूम के कपड़े पहनकर चला आया है
वह जिसे अपने पर गर्व था
एक ख़ुशामदी की आवाज़ में गिड़गिड़ा रहा है
ट्रेजडी है संक्षिप्त लम्बा प्रहसन
हरेक चाहता है किस तरह झपट लूँ
सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार ।
रचनाकाल : 1990