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"उस जगह सरहदें नहीं होतीं / हस्तीमल 'हस्ती'" के अवतरणों में अंतर

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17:17, 18 जून 2020 के समय का अवतरण

उस जगह सरहदें नहीं होतीं
जिस जगह नफ़रतें नहीं होतीं

उसका साया घना नहीं होता
जिसकी गहरी जड़ें नहीं होतीं

बस्तियों में रहें कि जंगल में
किस जगह उलझनें नहीं होतीं

मुँह पे कुछ और पीठ पे कुछ और
हमसे ये हरकतें नहीं होतीं

रास्ते उस तरफ़ भी जाते हैं
जिस तरफ़ मंज़िलें नहीं होतीं