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"चाहे जिससे भी वास्ता रखना / हस्तीमल 'हस्ती'" के अवतरणों में अंतर
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वक़्त दस्तक नहीं दिया करता | वक़्त दस्तक नहीं दिया करता |
17:41, 18 जून 2020 के समय का अवतरण
चाहे जिससे भी वास्ता रखना
चल सको उतना फ़ासला रखना
चाहे जितनी सजाओ तस्वीरें
दरमियाँ कोई आईना रखना
घर बड़ा हो कोई ज़रूरी नहीं
ये ज़रूरी है दिल बड़ा रखना
वस्ल बुनियाद है जुदाई की
ध्यान में ये भी फ़लसफ़ा रखना
वक़्त दस्तक नहीं दिया करता
अपना दरवाज़ा तुम खुला रखना
अपने घर को सजाओ अपनी तरह
ख़ुद से पूछो कहाँ पे क्या रखना