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"गुदगुदाये पवन फागुनी धूप में / ओम नीरव" के अवतरणों में अंतर

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रेशमी-सी छुअन फागुनी धूप में।  
 
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डालियाँ बाल-कोपल लिए गोद में,  
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संतुलित आचमन फागुनी धूप में।  
 
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कर रहा है नमन फागुनी धूप में।  
 
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मापनी–गालगा गालगा-गालगा गालगा  
 
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11:23, 20 जून 2020 के समय का अवतरण

गुदगुदाये पवन फागुनी धूप में।
खिलखिलाये बदन फागुनी धूप में।

है न किंचित तपन या चुभन या घुटन,
रेशमी-सी छुअन फागुनी धूप में।

डालियाँ बाल-कोंपल लिए गोद में,
दादियों-सी मगन फागुनी धूप में।

ठूँठ हरिया गए वृद्ध सठिया गये,
है अजब बाँकपन फागुनी धूप में।

गरमियाँ-सर्दियाँ मिल रहीं आप क्यों,
कुछ न करते जतन फागुनी धूप में।

प्रौढ़ तरु कर रहे माधवी रूप का,
संतुलित आचमन फागुनी धूप में।

ले विदा शीत 'नीरव' पलट घूम कर,
कर रहा है नमन फागुनी धूप में।


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मापनी–गालगा गालगा-गालगा गालगा