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समर शेष है, अभी मनुज भक्षी हुंकार रहे हैं
गांधी गाँधी का पी रुधिर जवाहर पर फुंकार रहे हैं
समर शेष है, अहंकार इनका हरना बाकी है
वृक को दंतहीन, अहि को निर्विष करना बाकी है
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