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"सिर्फ एक बार / विजयशंकर चतुर्वेदी" के अवतरणों में अंतर
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मुझे आने दो | मुझे आने दो | ||
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हँसते हुए अपने घर | हँसते हुए अपने घर | ||
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एक बार मैं पहुँचना चाहता हूँ | एक बार मैं पहुँचना चाहता हूँ | ||
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तुम्हारी खिलखिलाहट के ठीक-ठीक करीब | तुम्हारी खिलखिलाहट के ठीक-ठीक करीब | ||
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जहाँ तुम मौजूद हो पूरे घरेलूपन के साथ | जहाँ तुम मौजूद हो पूरे घरेलूपन के साथ | ||
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बिना परतदार हुए कैसे जी लेती हो इस तरह? | बिना परतदार हुए कैसे जी लेती हो इस तरह? | ||
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सिर्फ एक बार मुझे बुलाओ | सिर्फ एक बार मुझे बुलाओ | ||
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खिलखिलाकर तहें खोलो मेरी | खिलखिलाकर तहें खोलो मेरी | ||
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जान लेने दो मुझे | जान लेने दो मुझे | ||
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घर को घर की तरह | घर को घर की तरह | ||
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सिर्फ एक बार। | सिर्फ एक बार। | ||
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22:20, 9 जुलाई 2020 का अवतरण
मुझे आने दो
हँसते हुए अपने घर
एक बार मैं पहुँचना चाहता हूँ
तुम्हारी खिलखिलाहट के ठीक-ठीक करीब
जहाँ तुम मौजूद हो पूरे घरेलूपन के साथ
बिना परतदार हुए कैसे जी लेती हो इस तरह?
सिर्फ एक बार मुझे बुलाओ
खिलखिलाकर तहें खोलो मेरी
जान लेने दो मुझे
घर को घर की तरह
सिर्फ एक बार।