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"स्टील प्लान्ट / वरवर राव" के अवतरणों में अंतर

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कोई भी गाछ वटवृक्ष के नीचे बच नहीं सकता ।
 
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सुगंधित केवड़े की झाड़ियाँ
 
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कटहल के गर्भ के तार
 
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काजू बादाम नारियल ताड़
 
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धान के खेतों, नहरों के पानी
 
धान के खेतों, नहरों के पानी
 
 
रूसी कुल्पा नदी की मछलियाँ
 
रूसी कुल्पा नदी की मछलियाँ
 
 
और समुद्रों में मछुआरों के मछली मार अभियान को
 
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एक इस्पाती वृक्ष स्टील प्लाण्ट आ रहा है ।
  
एक इस्पाती वृक्ष स्टील प्लांट आ रहा है ।
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उस प्लाण्ट की छाया में आदमी भी बच नहीं पाएँगे
 
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झुर्रियाँ झुलाए बग़ैर
 
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शाखाएँ-पत्तियाँ निकाले बग़ैर ही
 
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वह घातक वृक्ष हज़ारों एकड़ में फैल जाएगा ।
 
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गरुड़ की तरह डैनों वाले
 
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तिमिगल की तरह बुलडोजर
 
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उस प्लाण्ट के लिए
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मकानों को ढहाने और गाँवों को ख़ाली कराने के लिए
 
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खै़र, तुम्हारे सामने वाली झील के पत्थर पर
 
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"यह गाँव हमारा है, यह धरती हमारी है
 
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यह जगह छोड़ने की बजाय
 
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हम यहाँ मरना पसन्द करेंगे" ।
 
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03:29, 15 जुलाई 2020 के समय का अवतरण

मुखपृष्ठ  » रचनाकारों की सूची  » रचनाकार: वरवर राव  » संग्रह: साहस गाथा
»  स्टील प्लान्ट

हमें पता है
कोई भी गाछ वटवृक्ष के नीचे बच नहीं सकता ।

सुगंधित केवड़े की झाड़ियाँ
कटहल के गर्भ के तार
काजू बादाम नारियल ताड़
धान के खेतों, नहरों के पानी
रूसी कुल्पा नदी की मछलियाँ
और समुद्रों में मछुआरों के मछली मार अभियान को
तबाह करते हुए
एक इस्पाती वृक्ष स्टील प्लाण्ट आ रहा है ।

उस प्लाण्ट की छाया में आदमी भी बच नहीं पाएँगे
झुर्रियाँ झुलाए बग़ैर
शाखाएँ-पत्तियाँ निकाले बग़ैर ही
वह घातक वृक्ष हज़ारों एकड़ में फैल जाएगा ।

गरुड़ की तरह डैनों वाले
तिमिगल की तरह बुलडोजर
उस प्लाण्ट के लिए
मकानों को ढहाने और गाँवों को ख़ाली कराने के लिए
आगे बढ़ रहे हैं ।

खै़र, तुम्हारे सामने वाली झील के पत्थर पर
सफ़ेद चूने पर लौह-लाल अक्षरों में लिखा है —

"यह गाँव हमारा है, यह धरती हमारी है —
यह जगह छोड़ने की बजाय
हम यहाँ मरना पसन्द करेंगे" ।