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"जगत-घट, तुझको दूँ यदि फोड़ / हरिवंशराय बच्चन" के अवतरणों में अंतर
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जगत-घट, तुझको दूँ यदि फोड़ | जगत-घट, तुझको दूँ यदि फोड़ | ||
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मगर सुमदिर, सुंदरि, सुकुमारि, | मगर सुमदिर, सुंदरि, सुकुमारि, | ||
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तुम्हारा आता मुझको ख्याल; | तुम्हारा आता मुझको ख्याल; | ||
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19:49, 25 जुलाई 2020 के समय का अवतरण
जगत-घट, तुझको दूँ यदि फोड़
प्रलय हो जाएगा तत्काल,
मगर सुमदिर, सुंदरि, सुकुमारि,
तुम्हारा आता मुझको ख्याल;
न तुम होती, तो मानो ठीक,
मिटा देता मैं अपनी प्यास,
वासना है मेरी विकराल,
अधिक पर, अपने पर विश्वास!