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"देखने को मुट्ठी भर धूलि / हरिवंशराय बच्चन" के अवतरणों में अंतर

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देखने को मुट्ठीभर धूलि
 
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अगर तूफ़ानों में पड़ जाय
 
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किन्‍तु दी किसने उसमें डाल
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:::गगन को दुलराने की साध!
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20:04, 25 जुलाई 2020 के समय का अवतरण

देखने को मुट्ठीभर धूलि
जिसे यदि फँको उड़ जाय,
अगर तूफ़ानों में पड़ जाय
अवनि-अम्‍बर के चक्‍कर खय,

किन्‍तु दी किसने उसमें डाल
चार साँसों में उसको बाँध,
धरा को ठुकराने की शक्‍त‍ि,
गगन को दुलराने की साध!