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"आदमी अस्ल है लिबास नहीं / रमेश तन्हा" के अवतरणों में अंतर

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आदमी अस्ल है लिबास नहीं
आदमी की सिफ़ात क्या कहिये

जो तसन्नो का रुशुनास नहीं
आदमी अस्ल है लिबास नहीं

आदमीयत की ज़ात क्या कहिये

आदमी अस्ल है लिबास नहीं
आदमी की सिफ़ात क्या कहिये।