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"कोइलिया न बोली / त्रिलोचन" के अवतरणों में अंतर
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23:39, 13 अगस्त 2020 के समय का अवतरण
मंजर गए आम
कोइलिया न बोली
बाटों के अपने
हाथ उठाए
धरती
वसन्ती -सखी को बुलाए
पड़े हैं सब काम
कोइलिया न बोली
पाकर नीम ने
पात गिराए
बात अपत की
हवा फैलाए
कहाँ गए श्याम
कोइलिया न बोली ।