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"सबद अर थेहड / हरिमोहन सारस्वत" के अवतरणों में अंतर
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म्हारी जूण रै
सबदकोस सूं
गम रया है
चुपचाप
दिनोदिन
कई
घणा महताऊ सबद।
..म्हारै साम्ही
उभ्या हैं जुगां स्यूं
पसरयै मून मांय
आपरै गम्योड़ा सबदां नै
सोधता
काळीबंगां रा थेहड़।
कदास थेहड़ां री सरूआत
सबद गमण स्यूं ई तो नीं होवै?