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"रतजगों का हिसाब रहने दो / सोनरूपा विशाल" के अवतरणों में अंतर

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17:30, 21 अगस्त 2020 के समय का अवतरण

 
रतजगों का हिसाब रहने दो
कुछ अधूरे से ख़्वाब रहने दो

झील सा दायरे में मत बाँधो
कोशिशों को चिनाब रहने दो

सिर्फ़ सूरत का क्या है,कुछ भी नहीं
अपनी सीरत गुलाब रहने दो

राब्ता कुछ तो तुमसे रखना है
तुम वो सारे जवाब रहने दो

चाहती हूँ कि तुमसे कह दूँ मैं
तुम मेरा इंतेखाब रहने दो

एक दूजे को पढ़ चुके हैं हम
बंद अब ये किताब रहने दो